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Success Story : रिक्शा चलाने वाला बना करोड़ो की कंपनी का मालिक, स्कूल वालों ने चपरासी बनाने से कर दिया था इनकार

Success Story : किसी ने क्या खूब लिखा है. हिम्मते मर्दा मददे खुदा, अर्थात जो व्यक्ति हिम्मत करता है. उसकी सहायता स्वयं भगवान करते हैं. ऐसी कई स्टोरी आपके आस पास भी होगी। आज हम जो सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं. वह बिहार के छोटे से गॉव में रहने वाले एक युवक की है. जो अपने विपरीत परिस्थितियों के चलते 12 कक्षा की पढाई भी पूरी नहीं कर सका.

आर्थिक स्थिति इतनी ख़राब रही की बीच में ही पढाई छोड़नी पड़ी. स्कूल ने चपरासी की नौकरी के लिए भी अस्वीकार कर दिया था. तब इस बिहार के रहने वाले युवक ने नई शुरुवात की सोचते हुये। अपने पिता से ड्राइविंग सीखी और दिल्ली निकल पड़ा. शुरू से ही इसकी नजर अपने लक्ष्य पर टिकी हुई थी. बताया जाता है. रिक्शा चलाने से लेकर सब्जियाँ बेचने तक सभी छोटे-मोटे काम किये।

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Success Story : इस गुमनाम हो चुके युवक हो 2021 से ही पहचान मिलनी शुरू हो गई. उन्होंने कैब सेवा “आर्यागो” लॉन्च करके उद्यमिता की दुनिया में नई मिशाल रख दिया। प्रयास रंग लाया और उसे 8 लाख रुपये का मासिक कमीशन प्राप्त भी हाशिल हुआ.

मानों अब उसके हौसलों को पंख मिल गये थे. 2022 में खुद की कंपनी शुरू की. उनकी यात्रा का शिखर शार्क टैंक इंडिया सीज़न 3 पर आया. जहां उन्होंने गेम-चेंजिंग डील पर बातचीत की। 5% इक्विटी हिस्सेदारी के लिए 20 लाख रुपये हासिल किए। 3500 रुपये की कार ड्राइविंग नौकरी से लेकर 4 करोड़ रुपये की कंपनी बनाने तक की कहानी दृढ़ इच्छाशक्ति और उद्यमशीलता की भावना की जीत का प्रतीक है।

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Success Story : इस युवक को बिहार का स्टार्टअप किंग के नाम से जाना जाता है. इस युवक का नाम दिलखुश कुमार है. आज IIT-IIM के छात्रों को नौकरी दे रहा है. और देश की तरक्की में भागीदारी निभा रहा है. दिलखुश कुमार की रोडबेज़’ नाम की डेटाबेस कंपनी है. इस कैब सेवा के आ जाने से यात्रियों का काफी पैसा बच रहा है. जहां यात्रियों को 4000 रुपये खर्च करने पड़ते थे. अब वह मात्र 2000 रुपये में यात्रा हो जा रही है.

Dilkhush Kumar ने सिर्फ एक सेकंड हैंड नैनो कार खरीदी थी. जहां से अपनी शुरवात की थी. जिसके बाद महज 6 से 7 महीने में 4 करोड़ की वैल्यूएशन पर स्टार्टअप को फंडिंग मिली. दिलखुश कुमार आने वाले दिनों में अपनी कपंनी को 100 करोड़ के वैल्युएशन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

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