छत्तीसगढ़

Save Hasdev : वक्त नहीं है सोने का, हक नहीं है खोने का एक तीर एक कमान, भारत के आदिवासी एक समान

Save Hasdev : सगाजनों, महानुभावों जय जोहार, छत्तीसगढ़ के सभी मूलवासी भाइयों एवं बहनों यहां के निवासियों के विकास शिक्षा, स्वास्थ एवं रोजगार, जनकल्याण एवं कृषि के साथ-साथ मानव विकास के लिए लक्ष्य रखा गया है लेकिन विगत 23 वर्षों में यहां के मूल निवासियों को मिलने वाले अधिकार नहीं मिला बल्कि हमारे जीवन एवं भाग्य के बहुत से हिस्से किसी दूसरे के पास चले गये, जो कटोरा लेकर आये थे, वे मालिक बन गये, जो मालिक थे, वे भिखारी, प्रवासी, बेरोजगार, असहाय, बेघर, बेसहारा बनकर दर-दर भटक रहे हैं। हम सोचते थे आज नहीं तो कल अच्छे दिन आएंगे। लेकिन यह भी एक कोरा अफवाह साबित हुआ। काले बादल की तरह छटकर साफ हो गया। आप सभी समझ रहे हैं, लेकिन हम जाति, समाज, अमीर-गरीब, क्षेत्रीयता, भाषा, बोली, स्थानीयता में बंटे होने के कारण लगातार पलायन, विस्थापन, उजाड़न, डरावन, हत्यावन, भगावन, शोषण, उलाहना, तिरस्कार, प्रताड़ना, आपसी द्वंद्व, बगावत, पुलिस प्रताड़ना, शासकीय अधिकारियों द्वारा शोषण, योजनाओं का बन्दरबाट, बुखार की गोली की जगह बंदूक की गोली, असुरक्षा, अशिक्षा, स्वास्थ सुविधा का अभाव, ये तमाम चीजें जिसके कारण हमारा विकास नहीं हो रहा है।

Read More : Hasdev के लुटेरे अब भी सलाखों के पीछे, अंबानी-अड़ानी से ये रिश्ता क्या कहलाता है…  Save Hasdev   

प्रदेश ने लगातार गांव उजाडना, जमीन छिनना, राशन समय पर नहीं देना, नक्सल समर्थक होने का सजा देना, प्रायोजित षडयंत्र के तहत फर्जी मुठभेड़ करना, अपहरण, क्रास फायरिंग, एम्बूस, ड्रोन द्वारा न जाने किस-किस तरह के षडयंत्र कर आदिवासियों को सताया जा रहा है। उजाड़ा जा रहा है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद सरगुजा संभाग, बिलासपुर संभाग में कोयला उत्खनन के कारण कई गांव उजाड़े गये, जिसे अब तक बसाया नहीं गया, और न ही कोई ठोस कार्यवाही प्रशासन द्वारा किया गया। वर्तमान में हसदेव की घटना बड़ी भयावह एवं दर्दनाक है। जिस गांव को उजाड़ा गया वहां के लोग बेघर हो गये। कई परिवार मृत्यु के आगोश में समा गये। बहुत सी महिलाएं दैवीय प्रकोप के कारण विधवा हो गये। ऐसे अध्ययन से प्रमाणित हुआ है जिसमें कोरबा, रायगढ़, जशपुर एवं अंबिकापुर भी प्रभावित है।

Save Hasdev : इसी तरह बस्तर शांति का टापू था जिसे आज प्रशासन ने आतंक के मुंह में झोक दिया। जहां विस्थापन, प्रताड़ना, दोहन, शोषण, विस्फोट, हत्या एवं बलात्कार, आपसी द्वंद्व, फोर्स एवं पुलिस प्रताड़ना, निर्दोषों को जेलों में दूसना, बच्यों को फर्जी मुठभेड़ में मारना, स्त्रियों के साथ बलात्कार एवं अभद्र व्यवहार करना, विवाहित या अविवाहित का स्तन दबाकर परीक्षण करना ये पुलिस का कार्य है। सोनी सोढी के साथ जेल मे दुर्व्यवहार जग जाहिर है। ऐसे अधिकारियों को राष्ट्रपति एवं पुलिस पदक प्रदान किया जाता है। सारकेगुड़ा, चिन्नागेलूर, पेंदागेलू, एड़समेटा, ताड़मेटला, गोमपाड़, सिलगेर, मुतवेन्डी (गंगालूर) जैसे घटना क्यों होता है। छत्तीसगढ़ बनने के पहले, ये घटनाएं नहीं होती थी, तभी चैन से रहते थे। सरकार ने ऐसी कौन सी योजना लाई कि मूखे भेड़िये चारों तरफ से आदिवासियों का शिकार करने लगे। हम सिर्फ सरकार बदलने का काम कर रहे है। विकास का पैमाना छोटा होता जा रहा है। सलवा जुडुम से 600 गांव उजड़े थे वो गांव क्यों नहीं बसाया गया? क्यों इन गांव केलोग दूसरे प्रदेशों में भटक रहे हैं और यहा विदेशी लोग आकर घुस रहे हैं।

Read More : CG NEWS : परसा ईस्ट केते खुली खदान में बेतरतीब पेड़ो की कटाई, प्रदर्शनकारियों पर चल रही पुलिसिया डंडा, ग्रामीणों में भारी आक्रोश, देखें वीडियो…   Save Hasdev   

Hasdev
Hasdev

क्या बस्तर को बंग्लादेश बनाना चाह रहे हैं? इन सभी समस्याओं का समाधान हम सबको मिलकर करना है। बस्तर में 24 जगह आंदोलन कर रहे भाइयों से ये निवेदन है कि अब वहां से निकलकर रायपुर में एक साथ सब मिलकर आंदोलन की शुरूवात दिनांक 26/02/2024 से करेंगे। इसके लिए सभी गांवों से प्रत्येक घर से 1 किलो चावल और 20 रु. सहयोग राशि अनिवार्य रूप से अपने-अपने गांवों और ब्लॉक में जमा करना है तथा प्रत्येक परिवार से 1 व्यक्ति अनिवार्य रूप से रायपुर पहुंचे। यदि हम सब सुरक्षित रहना चाहते हैं तो मिलकर आवाज उठाना होगा।

Save Hasdev
Save Hasdev

Save Hasdev : समय बहुत कम है यदि समय रहते एक साथ कार्य नहीं शुरू करेंगे तो बाद में पछताना पड़ेगा। यही दुश्मन भी यही चाहता है इससे अच्छा है कि आपसी वैचारिक मतभेद को हमेशा के लिए छोड़कर मानव कल्याण, समाज कल्याण एवं प्रदेश की सुरक्षा, के लिए एक मंच पर, एक साथ आना होगा। विशाल जन सभा एवं विधानसभा घेराव 26 फरवरी 2024 सोमवार सभा 11 बजे गोंडवाना भवन टिकरापारा, रायपुर उपरांत 2 बजे विधान सभा घेराव के लिए प्रस्थान किया जाटएगा।

 

Related Articles

Back to top button