राष्ट्रीय

Political Drama : मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर, अर्थव्यवस्था भाग रही उल्टे पांव…

रायपुर। Political Drama : मोदी सरकार के दौरान विगत 10 वर्षों में डॉलर के मुकाबले रुपए के लगातार पिछड़ने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार वित्तीय अनुशासन और अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के मामले में फिसड्डी साबित हुई है। मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते ही डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक तौर पर अब तक के सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच चुकी है, 83.6 रूपए प्रति डॉलर के चलते अब अंतराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बिगड़ चुका है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार सहीं तरीके से ना देश संभाल पायी ना ही देश की अर्थव्यवस्था। विगत 10 वर्षो के दौरान देश के तीन दर्जन से अधिक बड़े सार्वजनिक उपक्रम बेचें जानें के बावजूद मोदी राज में देश पर कुल कर्ज का भार 2014 की तुलना में चार गुना अधिक बढ़ गया है, 54 लाख करोड़ का कुल कर्ज़ वर्तमान में 205 लाख करोड़ से अधिक हो गया है।

Political Drama : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है। इतिहास में पहली बार भारत का रूपया एशियाई देशों के टॉप 10 करेंसी से बाहर हो गया है। जो डॉलर 30 मई 2014 को 59 रूपए था उसकी कीमत आज बढ़कर 83 रूपए 60 पैसे तक पहुंच गया है। रुपए के मुकाबले डॉलर की कीमत बढ़ने से ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो रही है, क्रूड आॅयल के आयात लिए अधिक दाम चुकाना पड़ रहा है, महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है जिसका सीधा नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। रुपए की कीमत को प्रधानमंत्री पद की गरिमा से जोड़ने वाले भाजपाई अब मौन क्यों है?

Read More : Political Drama : BJP का नायाब फार्मूला! चाय में पड़े मक्खी की तरह निकाल फेंका JJP को…

Political Drama : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार में विकास के नाम पर केवल गरीबी, भुखमरी, असमानता, भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी का ही विकास हुआ है। दुनियां के भुखमरी इंडेक्स में 55 वें स्थान से नीचे का चक्कर 112 स्थान पर पहुंच गए, 137 करोड़ कुल आबादी में से मोदी सरकार के आंकड़ों के अनुसार ही 81 करोड़ 25 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने मजबूर है अर्थात देश की कुल आबादी में से लगभग 60 प्रतिशत जनता मोदी राज में गरीबी रेखा के नीचे आ चुकी है, जो 2014 में लगभग 22 प्रतिशत थी। देश में महंगाई ऐतिहासिक तौर पर सर्वाधिक है, बेरोजगारी के आंकड़े शिखर पर हैं, लेकिन आत्मामुग्ध भाजपाई मोदी सरकार के फर्जी यशोगान करने में मस्त हैं।

Read More : Political Drama : मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े नाराजगी की शिकार!, ये बड़ी वजह आ रही सामने…

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते ही देश में आम जनता की घरेलू बचत न्यूनतम स्तर पर आ चुकी है। बुजुर्ग और महिलाओं के आय का प्रमुख साधन बचत/जमा पर ब्याज और एफडीआर पर इंटरेस्ट की दरें 2014 की तुलना में लगभग आधी रह गई है। कैश फ्लो संकुचित हो चुका है। अधिकांश एमएसएमई 3 साल के भीतर ही बंद हो जा रहे हैं, छोटे और मंझोले व्यापारी तबाह हो गए लेकिन मोदी सरकार का फोकस छोटे और मध्यम उद्योगों के बजाय अपने चंद कॉपोर्रेट मित्रों के हित पर ही फोकस है। केवल पेट्रोलियम उत्पादों से अतिरिक्त मुनाफाखोरी करके केंद्र की मोदी सरकार द्वारा विगत 10 वर्षों के दौरान 38 लाख करोड़ से अधिक की मुनाफाखोरी जनता के जेब में डकैती डालकर की गई है।

Read More : Political Drama : भाजपा को अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं पर नहीं रहा भरोसा, रास नहीं आ रही जुमलेबाजी…

एमएसपी की कानूनी गारंटी, सी-2 फामूर्ले पर 50 प्रतिशत लाभ देने और किसानों की कर्ज माफी के लिए मोदी सरकार के पास धन नहीं है लेकिन चंद कॉरपोरेट पूंजीपतियों का 18 लाख करोड़ का लोन राइट आॅफ कर दिए। विगत 10 वर्षो से हर तरह की राहत और सब्सिडी केवल पूंजीपतियों को दी जा रही है, टैक्स राहत, जमीनें, संसाधन, श्रमिकों के हित में बनाए गए कानून में बिना चर्चा के श्रमिक विरोधी संशोधन किए गए, वन अधिकार अधिनियम में आदिवासी विरोधी संशोधन किए गए। मोदी सरकार की कॉरपोटर परस्त नीतियों के चलते देश को फिर से कंपनी राज के दलदल में धंसने की कगार पर पहुंचाने का षडयंत्र रचा जा रहा है।

Related Articles

Back to top button