Raman नहीं तो कौन इस पर दिल्ली मौन….!?
जितेंद्र जैन जीतू/ BJP के कद्दावर नेता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राजनांदगांव के विधायक डॉ रमन सिंह की राज्य में इस साल के अंत मे होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी क्या भूमिका होगी..? क्या वो फिर मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे..? या फिर पार्टी कोई नये चेहरे को लांच करने वाली हैं..?इस सवाल को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुवा हैं।
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BJP की ओर से कुछ दिन पहले 21 उमीदवारों कि लिस्ट जारी की गई जिसमें राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र से 3 सीट क्रमशः खैरागढ़, मोहला मानपुर और खुज्जी विधान सभा के प्रत्याशियों का नाम घोषित किया गया हैं। लेकिन प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट राजनांदगांव विधानसभा जहाँ से वर्तमान में डॉ रमन सिंह विधायक हैं। उनका नाम लिस्ट में नहीं होने की वजह से सियासी गलियारों में कई तरह की बाते सुनने की मिल रही हैं।
रहा सवाल यहाँ के मतदाताओं का तो उनको विश्वास है कि वो अपनी सेफ सीट राजनांदगांव से पुनः चुनाव लड़ेंगे। और भारी बहुमतों से जीतेंगे भी। वही पार्टी के स्थानीय नेताओं की एक जमात का मानना है। कि केंद्रीय नेतृत्व इस विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रत्याशी नहीं बनायेगा। जबकि सूत्र बताते हैं कि राजनांदगांव विधानसभा से जिला भाजपा की ओर से सिंगल नाम डॉ रमन सिंह का भेजा गया।
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छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद बतौर मुख्यमंत्री 15 साल एक छत्र राज करने वाले डॉ रमन को पूरे छत्तीसगढ़ में चाउर वाले बाबा के नाम से जाना और पहचाना जाता हैं।छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से हुवे अब तक 4 चुनावो में पार्टी ने डॉ रमन को ही मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर 3 चुनाव में जीत हासिल की थी । जबकि पिछले चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
राजनीति के पंडितो का मानना है कि अगर छत्तीसगढ़ में पार्टी इस विधान सभा चुनाव में कोई नया प्रयोग करना चाहती हैं तो यहाँ भी पार्टी के पक्ष में परिणाम कर्नाटक जैसे ही होंगे।डॉ रमन से केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी अपनी जगह जायज हैं लेकिन कभी कभी हालात से समझौता करने के लिये उसूलों को दरकिनार करना पड़ता हैं।