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Flying Car 2024 : मारुति सुजुकी लाएगी फ्लाइंग कार, जिसे घर की छत से कर सकेंगे टेक-ऑफ और लैंडिंग

Flying Car 2024 : देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अपनी मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (SMC) के साथ मिलकर एक ऐसा इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की तैयारी कर रही है जो उड़ सके। इस फ्लाइंग इलेक्ट्रिक कार इस इलेक्ट्रिक एयर हेलीकॉप्टर से घर की छत से उड़ान भरना और लैंड करवाना दोनों संभव कराया जा सकेगा।

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Flying Car 2024 : सूत्रों के मुताबिक SMCL में ग्लोबल ऑटोमोबाइल प्लानिंग विभाग के सहायक प्रबंधक केंटो ओगुरा ने बताया कि फ्लाइंग कार बनाने के लिए जापानी कंपनी स्टार्टअप स्काईड्राइव के साथ पार्टनरशिप किया गया है। इसे स्काईड्राइव नाम से जाना जा सकता है।

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यह इलेक्ट्रिक एयर कॉप्टर, यानी फ्लाइंग कार पारंपरिक हेलीकॉप्टर से छोटा लेकिन ड्रोन से बड़ा होगा। इसमें पायलट समेत तीन लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। शहरों में इसका उपयोग इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी सेवा के रूप में किया जा सकता है।

भारत में होगी मैन्युफैक्चरिंग का काम:
flying car : कंपनी आर्थिक कारणों से भारत में फ्लाइंग कार की मैन्युफैक्चरिंग पर भी विचार कर रही है। ओगुरा ने कहा, ‘भारत में विनिर्माण की सलाह दी गई है, लेकिन अभी तक कोई समयसीमा तय नहीं है। इस पर एविएशन रेगुलेटर DGCA के प्रतिनिधियों से बातचीत चल रही है। अगर हम मेड इन इंडिया बैनर के तहत आते हैं तो फ्लाइंग कार निश्चित रूप से यहां सस्ती होगी।

जापान और अमेरिका में पहले रिलीज:
flying car : ओगुरा ने कहा, 12 यूनिट मोटर्स और रोटर्स के साथ, इसे जापान में 2025 ओसाका एक्सपो में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। शुरुआत में अमेरिकी और जापानी बाजार इस फ्लाइंग कार को खरीद सकेंगे। इसके बाद इसे भारत में “मेड इन इंडिया” लेबल के तहत बेचने की योजना है। भारत में कस्टमर्स और पार्टनर्स का पता लगाने के लिए, मार्केट रिसर्च कर रहे हैं।’

एक सामान्य हेलीकाप्टर का लगभग आधा वजन:
flying car: इस एयर कॉप्टर का वजन पारंपरिक हेलीकॉप्टर से लगभग आधा होगा। इमारत की छतें अपने हल्के वजन के कारण टेकऑफ़ और लैंडिंग के लिए उपयुक्त हैं। सूत्रों की मानें तो, इलेक्ट्रिफिकेशन की वजह से हवाई जहाज के हिस्सों की मात्रा में काफी कमी आई है। परिणामस्वरूप मैन्युफैक्चिरिंग और रखरखाव लागत कम हो गई है।

15 किमी की रेंज:
flying car : ओगुरा के मुताबिक, तीन यात्रियों वाले मॉडल की पहली रेंज 15 किमी होगी। इसके बाद, यह संभवतः दोगुना हो जाएगा, जो 2029 तक 30 किलोमीटर और 2031 तक 40 किलोमीटर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, “हमें एक ऐसी रेंज की आवश्यकता है जो निश्चित रूप से 15 किलोमीटर से अधिक हो क्योंकि भारत एक बड़ा देश है।”

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