CG NEWS : क्या इस चुनाव में कांग्रेस पर भारी पड़ेगी भाजपा
जितेंद्र जैन जीतू/ CG NEWS : राज्य में दो माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा कांग्रेस की अपेक्षा ज्यादा गम्भीर दिखलाई पढ़ रही हैं। भाजपा ने तो अपने 21 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी हैं।और उन उम्मीदवारों ने अपने अपने क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच जाकर प्रचार प्रसार भी शुरू कर दिया हैं। वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस में उम्मीदवारों को लेकर अभी तक माथा पच्ची ही चल रही हैं। भाजपा की पहली लिस्ट आने के बाद ये कयास लगाये जा रहे थे कि कांग्रेस की ओर से भी हफ्ते भर के अंदर उम्मीदवारों की पहली सूची आ जायेगी लेकिन अभी तक यहाँ मंथन और कमेटी बनाने का सिलसिला ही चल रहा हैं। वही दूसरी ओर भाजपा की दूसरी लिस्ट आज कल में जारी होने वाली हैं।
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सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस में टिकिट को लेकर काफी बवाल मचा हुवा हैं। पार्टी का एक घड़ा पुराने चेहरों को चाहें वो मंत्री हो या विधायक रिपीट करने के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि एक ओर भाजपा जहाँ नये चेहरों को जनता के बीच ले जा रही हैं। वही कांग्रेस उन्हीं घिसे पीटे चेहरों पर पुनः दांव लगाने की सोच रही हैं। वो सवाल कर रहे हैं क्या कांग्रेस के पास इनके आलावा और कोई चेहरा नहीं हैं..? 15 साल के वनवास के बाद जनता ने कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में सत्ता सौपी। बावजूद उसके सरकार में रहते हुवे अधिकांश मंत्रियों का अपने क्षेत्र की जनता के बीच परफार्मेंस ठीक नहीं रहा हैं। उसके बाद भी पार्टी इन्हीं चेहरों को फिर से प्रत्यासी बनाती हैं तो इस चुनाव में कांग्रेस की हार निश्चित हैं। सूत्र बताते हैं की भुपेश सरकार के 80% मंत्री जिन्हें पार्टी अगर दोबारा रिपीट करती हैं तो उस क्षेत्र के मतदाता उन्हें नकार देंगे।
निगम में काबिज 12 महापौर भी जनता के बीच अच्छी छवि नहीं बना पाये
सूत्र बताते हैं कि प्रदेश के 12 निगमों के महापौर की तरफ गौर किया जाये तो एक भी महापौर ऐसा नहीं जिसे पार्टी टिकिट दे और वो जीत जाये। जिसके चलते पार्टी ने इन्हें टिकिट की दौड़ से बाहर कर दिया हैं।
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कार्यकर्ताओ में भी जमकर नाराजगी
CG NEWS : कांग्रेस के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में पार्टी के प्रति जमकर नाराजगी हैं जिसका खामियाजा इस चुनाव में भुगतना पड़ेगा। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का कहना है कि 15 सालो के बाद सत्ता सरकार पाने के बाद भी बड़े नेताओं ने उनकी जमकर उपेक्षा की हैं। खुद मुख्यमंत्री भुपेश बघेल की नजरों में हमारी कोई अहमियत नहीं हैं।वही मुख्यमंत्री बनने के बाद से उनका रवैया आम जनता के बीच अच्छा नहीं रहा हैं। वो आम नागरिकों के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री होते हुवे लोकप्रियता हासिल करने में असफल रहे हैं। जनता व्यवहार के मामले में आज भी डॉ रमन को याद करती हैं।