छत्तीसगढ़

CG NEWS : अडानी की लूट के लिए हसदेव के जंगलों की बेतरतीब कटाई, …जल्द लगे रोक… नहीं तो होगा उग्र आंदोलन…

रायपुर। CG NEWS : प्रदेश में इन दिनों प्राकृतिक संसाधनों की बेतरतीब लूट का खेल खेला जा रहा है। और इसका सीधा असर आदिवासी जन-जीवन और संस्कृति पर पड़ रहा है। आदिवासी लगातार छले जा रहे हैं। और ये सब देश के जाने-माने बिजनेसमेन अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। जिसके विरोध में आज हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के रामलाल करियाम (ग्राम हरिहरपुर), जयनंदन पोर्ते (सरपंच ग्राम घाटबर्रा) और ठाकुर राम सहित अन्य आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्यवाही की है। एक बार फिर गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनातकर परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई बेतरतीन शुरू कर दी गई।

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने दमनात्मक कार्यवाही की कड़े शब्दो में भर्त्सना की है। साथ ही आदिवासियों की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए हसदेव के जंगल विनाश पर रोक लगाने की मांग की है।

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CG NEWS : हसदेव अरण्य छत्तीसगढ़ का समृद्ध वन क्षेत्र है। जहां हसदेव नदी और उस पर मिनीमता बांगो बांध का कैचमेंट है, जिससे 4 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है। केंद्र सरकार के ही संस्थान ‘भारतीय वन्य जीव संस्थान’ ने रिपोर्ट में लिखा है कि हसदेव अरण्य में कोयला खनन से हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। प्रदेश में दिनों दिन मानव-हाथी संघर्ष बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2023 में कुल 100 हाथियों के मौत हुये हुये हैं। जिसमें 9 हाथियों की मौत छत्तीसगढ़ में ही हो गये हैं। इस लिस्ट में चौथे नंबर पर छत्तीसगढ़ को रखा गया है।

CG NEWS : छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 26 जुलाई 2022 को अशासकीय संकल्प सवार्नुमति से संकल्प पारित किया था कि हसदेव अरण्य को खनन मुक्त रखा जाए। पूरा क्षेत्र पांचवी अनुसूची में आता है और किसी भी ग्रामसभा ने खनन की अनुमति नहीं दी है। परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के दूसरे चरण के लिए खनन वनाधिकार कानून, पेसा अधिनियम और भू-अर्जन कानून तीनों का उल्लंघन है।

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जिन जंगलों का विनाश किया जा रहा है, उसके प्रभावित गांव घाटबर्रा गांव को मिले सामुदायिक वन अधिकार पत्र को गैरकानूनी रूप से निरस्त कर दिया गया था। जिसका मामला पुन: बिलासपुर उच्च न्यायालय में लंबित है। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने कहा है आने वाले दिनों में हसदेव के जंगलों की कटाई जल्द नहीं रोकी गई। तो पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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