छत्तीसगढ़

CG NEWS : सरकार फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध, 30.48 लाख लोगों को दवा सेवन का लक्ष्य

रायपुर। CG NEWS : राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय राज्य मंत्री, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने आज स्वयं फाइलेरिया रोधी दवाएं खाकर, सामूहिक दवा सेवन (एम.डी.ए) कार्यक्रम का देशव्यापी अभियान छत्तीसगढ़ सहित 11 राज्यों में शुरू किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए प्रतिभागियों ने भी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन किया।

इस अवसर पर राज्य के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि राज्य के फाइलेरिया से प्रभावित कई जिले जनजाति बहुल हैं और रास्ते भी बहुत दुर्गम हैं। इसके बावजूद हमारी सरकार इस सामूहिक दवा सेवन (एम.डी.ए) कार्यक्रम में शत-प्रतिशत लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य में 10 फरवरी से 28 फरवरी तक कुल 5 जिलों झ्र रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, राजनांदगांव एवं खैरागढ़-छुईखादन के 16 विकासखंड में सामूहिक दवा सेवन(एम.डी.ए) गतिविधि चलाई जावेगी । जिसमें 3 जिलों बस्तर, राजनांदगांव और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के चयनित विकासखंड में दो दवा यानी डीईसी और अल्बेंडाजोल के साथ तथा 2 जिलों रायगढ़ और सारंगढ़-बिलाईगढ़ के चयनित विकासखंड में तीन दवा यानी डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन के साथ सामूहिक दवा सेवन (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम चलाया जा रहा हैक उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में लगभग 30.48 लाख जनसंख्या को लक्ष्य बनाकर बूथ एवं घर घर जाकर दवा खिलाई जावेगी और यदि कोई इस समय अपने घर पर उपलब्ध नहीं है तो टीम द्वारा पुन: भ्रमण कर दवा खिलाई जायेगी।

 

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CG NEWS : श्याम बिहारी जायसवाल ने जानकारी दी की जिलों में दवा सेवन कराने हेतु कुल 6500 दलों का गठन किया गया है जिसमें मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता एवं अन्य स्वेच्छासेवी हैं। सभी सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रति दल के द्वारा अपने क्षेत्र की सूक्ष्म कार्ययोजना तैयार किया गया है। साथ ही 21 रैपिड रिस्पांस दलों का गठन किया गया तथा प्रशिक्षण दिया गया है, साथ ही गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु विकासखंड स्तर पर कुल 1220 सुपरवाईजर एवं 122 सेक्टर सुपरवाईजर चयनित किया गया है तथा प्रशिक्षण दिया गया है। दवा सेवन कराने के पश्चात लाभान्वितों के वाएं हाथ के ऊँगली में नेल मार्किंग किया जावेगा, घर के बाहर स्टीकर चस्पा किया जावेगा तथा परिवार रजिस्टर में जानकारी संधारण की जावेगी । सभी दवा सेवन कराने वाले दलों को आवश्यक दवा, परिवार रजिस्टर, नेल मार्कर , स्टीकर उपलब्ध कराया गया है। जिला तथा राज्य स्तर से अधिकारी एवं सलाहकार द्वारा गतिविधियों की मॉनिटरिंग किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि अन्य विभागों से सहयोग हेतु राष्ट्रीय, राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर समन्वय बैठक कर दवा सेवन हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है एवं जन प्रतिनिधियों के द्वारा सभी जिलों में कार्यक्रम की शुभारम्भ किया जावेगा। दवा घर में न छोड़ने तथा खाली पेट न लेने के निर्देश दिये गये हैं। डॉ जगदीश कुमार सोनकर, मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ ने बताया कि 10 फरवरी से 15 फरवरी तक सभी आंगनबाड़ी केंद्र, स्कुल, कालेज में बूथ लगाकर दवा सेवन कराया जावेगा। बूथ में अधिक से अधिक व्यक्तियों को दवा सेवन कराने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि 16 फरवरी से 24 फरवरी तक दवा खिलाने वाले दल द्वारा घर-घर भ्रमण कर और 26 फरवरी से 28 फरवरी तक छूटे हुए व्यक्तिओं को दवा सेवन कराया जावेगा । साथ ही 10 फरवरी से 28 फरवरी तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एम.डी.ए. कार्नर में दवा सेवन कराया जावेगा।

 

CG NEWS : उन्होंने कहा कि यह फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। रक्तचाप, शुगर, अर्थरायीटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं और अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं, जोकि दवा खाने के बाद परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। कार्यक्रम के दौरान 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं खिलाई जाएगी। इस अवसर पर डॉ जितेंद्र कुमार, राज्य कार्यक्रम अधिकारी (फाइलेरिया), संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ और राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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